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Sunday 24 January 2016

सचिन के लिए दो मैच सबसे यादगार, कहा- ‘जन गण मन’ गाते हुए गर्व से सीना चौड़ा हुआ

सचिन तेंडुलकर के जेहन में 2003 वर्ल्ड कप का पाकिस्तान के खिलाफ मैच और 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल की यादें अाज भी ताजा हैं। उन्होंने एक वीडियो लॉन्च इवेंट में कहा- ऐसे मैचों में ‘जन गण मन’ के वक्त सिर ऊंचा हो जाता है। लेकिन जब आप बीच मैदान में इसे गाते हैं... तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।’ 


सचिन के कानों में आज भी गूंजता है राष्ट्रगान... 

- सचिन ने स्पोर्ट्स हीरो वीडियो को रविवार को मुंबई में लॉन्च किया। यह वीडियो यंगस्टर्स को स्पोर्ट्स से जुड़ने के लिए मोटिवेट करने के मकसद से बनाया गया है। 

- इस मौके पर सचिन ने कहा- ''जब मुकाबला पाकिस्तान से हो तो मैदान और स्टेडियम का माहौल ही अलग होता है। 2003 वर्ल्डकप में (सेंचुरियन में) पाकिस्तान के खिलाफ मैच मुझे याद है। स्टेडियम में बैठे 60 हजार लोगों के साथ मैदान के बीच में खड़े होकर ‘जन गण मन’ गाना अलग ही अनुभव था।''

 - सचिन ने कहा- ''2011 के वर्ल्डकप फाइनल में भी ऐसा ही हुआ। मैं इन्हें नहीं भूल सकता। पूरा स्टेडियम ‘जन गण मन’ गा रहा था। आज भी कानों में मैं वह आवाज महसूस कर रहा हूं। वह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा प्राउड मोमेंट था। हमने कई पर्सनल टारगेट्स हासिल किए। टीम ने भी कई मील के पत्थर हासिल किए। लेकिन जब मामला राष्ट्रगान का आता है तो हर बात पीछे हो जाती है।'' 

सचिन, सानिया, भूटिया जैसे खिलाड़ी 

‘स्पोर्ट्स हीरो वीडियो’ को अभिजीत पानसे ने डायरेक्ट किया है। इसे इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स मैनेजमेंट ने लॉन्च किया है। यह इंस्टिट्यूट पूर्व क्रिकेटर नीलेश कुलकर्णी का है। वीडियो में भारत रत्न सचिन समेत आठ खिलाड़ी ‘जन गण मन’ के साथ इस ऑर्डर में नजर आ रहे हैं...

 1. सुनील गावस्कर 
2. धनराज पिल्लै 
3. गगन नारंग 
4. बाईचुंग भूटिया 
5. सुशील कुमार
 6. महेश भूपति
 7. सानिया मिर्जा
 8. सचिन तेंडुलकर 

'भारत से सानिया मिर्जा...' 

‘मेडल या ट्रॉफी जीतने पर राष्ट्रगान सुनना हर बार नया अनुभव होता है। टेक्निकली भले ही हम व्यक्तिगत रूप से खेल रहे हो, लेकिन हमेशा तिरंगे के लिए खेलते हैं। हर बार यही कहा जाता है- ‘भारत से सानिया मिर्जा’। किसी भी व्यक्ति या खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा प्राउड की बात होती है अपने देश को रिप्रेजेंट करना।’ - सानिया मिर्जा, टेनिस स्टार 

 'राष्ट्रगान को लेकर भावनाएं शब्दों में नहीं बता सकता' 

‘हमारे ऊपर सबसे ज्यादा जिम्मेदारी होती है। ओलिम्पिक, कॉमनवेल्थ में हमारा राष्ट्रगान बार-बार बजे, यह हमारी जिम्मेदारी होती है। जब भी राष्ट्रगान बजता है तो मेरी भावनाएं क्या होती हैं, यह मैं बोलकर नहीं बता सकता। जब तिरंगा आपके हाथ में होता है, जब आप कोई मेडल जीतते हैं, तो वह फीलिंग ही अलग होती है।’ - सुशील कुमार, पहलवान 

 '1998 का एशियन गेम्स' 

‘मुझे याद है कि 1998 एशियन गेम्स में स्वर्ण जीतने पर राष्ट्रगान बज रहा था... सब खिलाड़ी बहुत ही खुश थे। ऐसा लग रहा था कि हमने दुनिया की सबसे बड़ी खुशी हासिल कर ली है। अभिनव बिंद्रा ने जब ओलिंपिक का स्वर्ण जीता, तब वहां हर एक हिंदुस्तानी खुश था।’ - धनराज पिल्लै, पूर्व हॉकी खिलाड़ी

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